लाइव सिटीज, पटना: बिहार शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक के शिक्षा विभाग में एंट्री के बाद शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. केके पाठक स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शिक्षकों पर काफी सख्ती किए हुए हैं. जो शिक्षक विद्यालय पहुंचने में लेट हो रहे हैं अथवा विद्यालय में निरीक्षण करने पर विद्यालय से अनुपस्थित पाए जा रहे हैं उन पर वेतन कटौती व अन्य कार्रवाई हो रही है.
शिक्षा विभाग को शिकायत मिलती थी कि शिक्षक विद्यालय से गैरहाजिर रहते हैं और वेतन उठाते हैं. ऐसे में शिक्षकों की उपस्थिति विद्यालय में समय पर सुनिश्चित करने के लिए केके पाठक ने सरकारी विद्यालयों के निरीक्षण का कार्यक्रम शुरू किया है. निरीक्षण में अनुपस्थित मिलने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई हो रही है. कार्रवाई के रूप में शिक्षकों के वेतन काटे जा रहे हैं
इसी के तहत पिछले 10 महीने में स्कूलों के निरीक्षण के दौरान गायब रहने वाले 32828 शिक्षकों की वेतन कटौती की शिक्षा विभाग में अनुशंसा की है. इनमें से 27022 शिक्षकों का अब तक वेतन काटा गया है और बाकी का वेतन कटौती की प्रक्रिया अभी प्रक्रिया के अधीन है. यह आंकड़े शिक्षा विभाग को जिलों से प्राप्त हुए हैं और यह 16 मई तक के आंकड़े हैं. दरअसल पिछले वर्ष से सरकारी स्कूलों में औचक निरीक्षण का सिलसिला शुरू हुआ है और निरीक्षण में गायब मिलने वाले शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटा जाता है.
वेतन कटौती में सर्वाधिक दरभंगा जिले में 3884 शिक्षकों का वेतन कटा है. वहीं दूसरे स्थान पर नालंदा है जहां 3000 शिक्षकों के वेतन में कटौती हुई है. हालांकि वेतन कटौती के अनुसार सबसे अधिक नालंदा जिले से कुल 3886 अनुसंशा आई है. शिवहर जिला में सबसे कम शिक्षक निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए हैं और जिले में सिर्फ 57 शिक्षकों के वेतन काटे गए हैं.
दरभंगा और नालंदा के बाद सबसे अधिक सारण जिले में 1677 शिक्षकों का वेतन कटा है. औरंगाबाद में 1332, भागलपुर में 1132, नवादा में 1048, सुपौल में 994, पूर्वी चंपारण में 921, अररिया में 918, मधुबनी में 888, समस्तीपुर में 775, बेगूसराय में 776 और सीतामढ़ी में 715 शिक्षकों का वेतन कटा है.