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CM नीतीश के खिलाफ आज होगा जदयू के बागियों का जुटान, उपेंद्र कुशवाहा की बैठक, पार्टी ने दी कार्रवाई की धमकी

लाइव सिटीज पटना: जदयू के बागी नेता उपेंद्र कुशवाहा ने आज से आर पार की लड़ाई शुरू कर दी है. उपेंद्र कुशवाहाने राज्य भर के जेडीयू कार्यकर्ताओं को पटना बुलाया है. दो दिनों तक उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति फाइनल करेंगे. दरअसल उपेंद्र कुशवाहा आज से 2 दिनों तक मंथन बैठक करने जा रहे हैं. उन्होंने सिन्हा लाइब्रेरी में जेडीयू नेताओं की बैठक बुलाई है. कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर जेडीयू को गलत तरीके से चलाने का आरोप लगाया है. जेडीयू को खत्म करने की नीति अपनाने का आरोप लगाकर ही उन्होंने रविवार 12:30 से सिन्हा लाइब्रेरी में जेडीयू के ‘असली कार्यकर्ताओं’ को बुलाया है. उधर जेडीयू ने कार्रवाई की चेतावनी दी है.

दरअसल जदयू के बागी नेताओं का जुटान 19 और 20 फरवरी को पटना में हो रहा है. इसकी अगुआई उपेंद्र कुशवाहा कर रहे हैं. कुशवाहा ने पिछले कुछ सप्ताह के दौरान कई बार नीतीश कुमार और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह की नीतियों और निर्णयों पर सवाल किया है. राजद से जेडीयू के गठबंधन और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का दावेदार बनाने के नीतीश के ऐलान का उपेंद्र कुशवाहा लगातार विरोध कर रहे हैं. इसके बाद जदयू ने भी उन्हें सख्त संदेश दे दिया है कि कुशवाहा अगर जदयू से बाहर जाना चाहते हैं तो वे स्वतंत्र हैं. हालांकि उपेंद्र कुशवाहा इन सबके बीच कहते रहे हैं कि वे जदयू में अपनी हिस्सेदारी चाहते हैं. जदयू पर उनका भी अधिकार है. वे जदयू को बचाना चाहते हैं.

बता दें कि पिछले 5 फरवरी को ही उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू के नेताओं-कार्यकर्ताओं के नाम खुला पत्र लिखा था. उनसे कहा था कि JDU रोज ब रोज कमजोर होती जा रही है. मैंने समय समय पर नीतीश कुमार के सामने और पार्टी की बैठकों में भी ये बात रखी ताकि दिन पर दिन अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके. लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री की ओर से मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की जा रही है बल्कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है. कुशवाहा ने लिखा था कि राजद की ओर से “एक खास डील” की चर्चा के साथ साथ जद (यू) का राजद में विलय की खबरों से पार्टी के नेता हैरान है. ऐसे में 19-20 फरवरी को पटना में साथ बैठ कर आगे की रणनीति तैयार करें.

बतातें चलें कि माना जा रहा है कि दो दिनों की बैठक के बाद उपेंद्र कुशवाहा बड़ा फैसला ले सकते हैं. वे जान चुके हैं कि जेडीयू में अब उनकी कोई जगह नहीं है. ऐसे में विद्रोह की एकमात्र रास्ता बचता है. लेकिन फिलहाल वे जेडीयू छोड़े बगैर बागी तेवर दिखाते रहेंगे या कोई बड़ा खेला करेंगे. इस पर सबकी नजरें टिकी होगी. ऐसे में नीतीश कुमार और ललन सिंह की नजर भी उपेंद्र कुशवाहा की इस बगावती बैठक पर होगी. बैठक में जो नेता शामिल होंगे उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा सकता है.

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