लाइव सिटीज पटना: शिक्षक नियुक्ति को लेकर सरकार के नई नियमावली का जमकर विरोध हो रहा है. राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी इस नियमावली को शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ छलावा बता रही है. वहीं सत्ता पक्ष इस नियमावली को शिक्षा में सुधार के लिए ऐतिहासिक कदम बता रहा है. वहीं नई शिक्षक भर्ती नियमावली पर जदयू के विधान पार्षद ने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से आने वाले जदयू एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने नई नियमावली को लेकर नाराजगी जताई है और उन्होंने इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा है.
एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नई शिक्षक भर्ती नियमावली के अंदर कई तरह की खामियों को लेकर चिंता जाहिर की है. जदयू के विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह ने कहा कि नई शिक्षक भर्ती नियमावली पूरे तौर पर अव्यावहारिक है. नियमावली में कई तरह की खामियां हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ना तो शिक्षकों के प्रतिनिधि से बातचीत की और न ही जनप्रतिनिधियों से मशविरा किया.
एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने सीएम को पत्र लिखकर वर्ष 2006 से वर्ष 2020 की अवधि में पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त कार्यरत सभी कोटि के शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्यकर्मी के दर्जा के साथ-साथ वेतनमान दिए जाने की मांग है. उन्होंने लिखा है कि प्रभावित समस्त शिक्षक समुदाय आक्रोशित तथा उनके संघ-संगठन का नेतृत्व इस निर्णय से बुरी तरह आहत है, तथा आंदोलित है. वैसे नये शिक्षक अभ्यर्थी जो राज्य सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हैं, उन्हें भी इस नियमावली से निराशा ही हाथ लगी है.
बता दें कि शिक्षक नियुक्ति को लेकर सरकार के नई नियमावली 2023 को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इसको लेकर टीईटी और एसटीईटी अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं बीजेपी ने इसको लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी इस नियमावली को शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ छलावा बता रही है. वहीं सत्ता पक्ष इस नियमावली को शिक्षा में सुधार के लिए ऐतिहासिक कदम बता रहा है.