लाइव सिटीज पटना: बिहार के पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्र को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ पर एक युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में उन्हें ये सजा हुई है. एक सप्ताह पहले इस मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने पूर्व मंत्री को दोषी ठहराया था.
दरअसल यह मामला साल 1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ लूटने की मंशा से मतदान करने आये एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दिये जाने का था. इसी मामले में छपरा व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय एमपी एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश ने मंगलवार को रविंद्र नाथ मिश्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ लूटने की मंशा से मतदान करने आये एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पूर्व मंत्री रविन्द्र नाथ मिश्रा की सांसद व विधायक के मामले के त्वरित निष्पादन के लिए बने विशेष कोर्ट के न्यायाधीश एडीजे तृतीय के कोर्ट में सजा के बिंदु पर पेशी थी. कोर्ट ने दफा 302 के तहत उम्रकैद और 40000 का जुर्माना लगाया है. साथ ही दफा 353 में 2 वर्ष और 4000 का जुर्माना लगाया है. वहीं दफा171 एक में 1 वर्ष और एक हजार जुर्माना और दफा 136 के तहत 6 माह की सजा 1000 जुर्माने की सजा सुनाई है. सभी सजा साथ साथ चलेगी.
बता दें कि मामला साल 1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ लूटने की मंशा से मतदान करने आये एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दिये जाने का था. साल 1990 के चुनाव के दिन 27 फरवरी को मांझी प्रखंड के बूथ संख्या 175 और 176 पर बूथ लूटने की मंशा से कुछ लोगों ने हमला बोल दिया था. उनके द्वारा की गई फायरिंग से वहां भगदड़ मच गयी थी, उसमें मतदान करने के लिए आये उमा बीन नामक एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी. जिसके बाद इस मामले में बूथ संख्या 175 के पीठासीन अधिकारी प्रणय कुमार मल्लिक व बूथ संख्या 176 के पोलिंग एजेंट महेश प्रसाद यादव द्वारा मांझी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी.