लाइव सिटीज, पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. इसी कड़ी में 1 अगस्त 2025 को भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य की प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित कर दी है.
इस संबंध में भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एक आधिकारिक संदेश जारी किया . उन्होंने बताया कि बिहार के सभी 38 जिलों में सूची की डिजिटल और भौतिक कॉपी संबंधित जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DEO) द्वारा सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही, राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) और 243 निर्वाचन निबंधन पदाधिकारी (ERO) एक अगस्त से एक सितंबर तक आम नागरिकों और राजनीतिक दलों से दावे और आपत्तियां स्वीकार करेंगे.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि यह सूची निर्वाचन प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जारी की गई है. अगर किसी मतदाता को लगता है कि उनका नाम सूची में नहीं है, या गलत है, तो वे निर्धारित अवधि के भीतर आवेदन कर सकते हैं. आयोग का लक्ष्य है कि अंतिम मतदाता सूची में कोई त्रुटि न रहे और सभी पात्र नागरिकों को मतदान का अधिकार सुनिश्चित किया जा सके.
मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ ही विपक्षी महागठबंधन सक्रिय हो गया है. उसे आशंका है कि एसआईआर के नाम पर कई वास्तविक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं. गुरुवार को इस मुद्दे पर राजद प्रदेश कार्यालय में महागठबंधन की कानूनी मामलों की उपसमिति की विशेष बैठक आयोजित की गई.