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महागठबंधन के घोषणापत्र पर CM नीतीश कुमार की पहली प्रतिक्रिया, ‘आज कल कुछ लोग…’

लाइव सिटीज, पटना: बिहार में 6 और 11 को विधान सभा चुनाव होने हैं, इससे पहले महा गठ बंधन ने आज अपना घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी सरकार बनने पर किस तरह की और कितनी नौकरियां दे जाएंगी।   इस घोषणा के कुछ ही देर बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी सरकार की खूब प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले अशिक्षा, बेरोजगारी और पलायन बिहार की नियति बन गई थी। युवाओं की उच्च शिक्षा के लिए अच्छे संस्थान नहीं थे, युवाओं के सामने अंधकार था, युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता था। बिहार के युवाओं को अन्य राज्यों में ही रोजगार ढूंढ़ना पड़ता था तथा उन्हें बिहारी के नाम पर अपमान झेलना पड़ता था। उस वक्त नौकरियों के लिए वैकैंसी नहीं के बराबर निकलती थी। कुछ पदों पर बहाली निकलती भी थी तो सत्ता के संरक्षण में नौकरी का सौदा हो जाता था। वर्ष 2005 से पहले कार्यरत सरकारी कर्मियों का बुरा हाल था, ना काम करने का माहौल था, ना सुविधाएं थी और हर महीने वेतन और पेंशन भी नहीं मिलती थी। कई बार तो वेतन की आस में कर्मियों के 6-6 महीने तक गुजर जाते थे और वेतन/पेंशन के लिए धरना-प्रदर्शन तक करना पड़ता था। आज कल वही लोग सत्ता के लोभ में हवा-हवाई वादे कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को राज्य में जब हमलोगों की सरकार बनी, तो सबसे पहले हमने शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया। युवाओं के लिये रोजगारपरक तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण का इंतजाम किया गया। अब हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज एवं पॉलिटेक्निक की पढ़ाई हो रही है। राज्य में अनेक संस्थानों की स्थापना की गयी है जिसमें कई राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भी शामिल हैं। यहाँ के छात्रों को अब मजबूरी में बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि अन्य राज्यों से छात्र यहाँ आकर पढ़ाई कर रहे हैं। 

सीएम नीतीश ने कहा कि राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिले, ये शुरू से ही हमारी प्राथमिकता रही है। वर्ष 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने की गति को और बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में हमने सात निश्चय-2 में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का संकल्प लिया था। सरकार इस पर लगातार काम कर रही है और वर्तमान तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। जहाँ तक रोजगार की बात है, 40 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। दोनों को मिलाकर 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया गया है। अब तय किया है कि अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार दे दिया जायेगा। इसके लिए विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में नए पद सृजित किये गये हैं, जिन पर लगातार बहाली की प्रक्रिया जारी है। युवाओं को कौशल विकास हेतु सभी इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलेटेक्निक संस्थानों एवं आई०टी०आई० में स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। इसके लिए भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के नाम पर एक कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। राज्य में उद्योगों की स्थापना हेतु बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 लाया गया ताकि बड़ी संख्या में रोजगार सृजन हो सकें।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा किहमारी सरकार के आगे के कार्यक्रमों में भी सबसे पहला निश्चय युवाओं को रोजगार देने का ही रहेगा। हमलोगों ने तय किया है कि अगले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार दिया जायेगा और हमलोग यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए अब मजबूरी में राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े। •पिछले कुछ वर्षों में राज्य में औद्योगीकरण ने रफ्तार पकड़ी है। एन०डी०ए० की डबल इंजन सरकार की दुगुनी ताकत से राज्य में बड़े पैमाने पर उद्योग लगाये जायेंगे। •’मेक इन इंडिया’ के तहत रक्षा मंत्रालय एवं रक्षा हथियारों के उत्पादकों से समन्वय कर बिहार में रक्षा उपकरणों एवं हथियारों के निर्माण के लिये बिहार डिफेंस इन्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की जायेगी। इसके लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी पर जोर दिया जायेगा।

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