लाइव सिटीज पटना: बीते दिनों बिहार के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि नीतीश कुमार के लिए एनडीए के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं. पिछले साल अगस्त में भाजपा को धोखा देने वाले नीतीश कुमार को एक सहयोगी के रूप में कभी भी स्वीकार नहीं किया जाएगा. अमित शाह के इसी बयान पर सीएम नीतीश ने पलटवार किया है. केंद्रीय गृह मंत्री के बयान पर मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि उनकी बातों का नोटिस नहीं लेते हैं.
दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भाजपा का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो जाने वाले बयान पर पत्रकारों के पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी बातों का नोटिस नहीं लेते हैं. उनका कौन दरवाजा है? कोई दरवाजा है. उनका तो एकतरफा छपता ही है और हमलोगों की कोई बात नहीं छपेगी तो हमको क्या जरूरत है, नोटिस लेने का हम लोगों के बीच में हैं. मीडियाकर्मी बंधुओं से आग्रह करते हुए सीएम ने कहा कि आपसे हमें काफी उम्मीद है, आप जरा लोगों से अंदर से जाकर बात कीजिए, तब आपको सही बातों का पता चल जाएगा.
वहीं विपक्षी एकता पर पत्रकारों के पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रयासरत हैं. जो कुछ भी होगा बाद में सब आपलोगों के नॉलेज में आ जाएगा. फेडरल सिस्टम में मुख्यमंत्री से बातचीत करने का प्रावधान होता है का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश के संविधान को जरा देख लीजिए. शुरु से बना है कि जो भी गवर्नर होते हैं तो क्या केवल उन्हीं से बात की जाती है? या सरकार से कोई बातचीत की जाती है. यह कानून बना हुआ है कि राज्य सरकार की सहमति से कुछ होता है जो लोग बोल रहे हैं वो कितना दिन से राजनीति में हैं और हमलोग कितना दिन से राजनीति में हैं. श्रद्धेय अटल जी के नेतृत्व में पार्टी थी वो कितना बढ़िया से काम करती थी. आजकल ये लोग कुछ काम नहीं कर रहे हैं सब चीज पर कब्जा कर लिए हैं, केवल अपना प्रचार कर रहे हैं.
सासाराम-बिहारीशरीफ हिंसा पर पूछे गये प्रश्न को लेकर सीएम ने कहा कि बिहार में हिंसा कराई गई. माहौल खराब करने की कोशिश की गई. कभी यहां कुछ होता ही नहीं है सबलोग यहां अलर्ट रहते हैं. अगर अचानक कहीं कुछ किया गया है तो उसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. हमलोग भी पूरी नजर बनाए हुए हैं. प्रशासन ने सही तरीके से सबकुछ संभाला है. सब कुछ जानबूझकर कराया गया गया. हिंसा की जांच जारी है. जल्द ही हिंसा का सच सामने आएगा.