लाइव सिटीज, पटना: बिहार में बाढ़ हर साल तबाही मचाती है. इसबार पिछले कई साल का रिकॉर्ड टूट रहा है. 56 साल के बाद कोसी में सर्वाधिक 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. 21 साल बाद गंडक में 4 लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इन दोनों नदियों में नेपाल का पानी छोड़े जाने के कारण अन्य नदियों का भी जलस्तर बढ़ गया है. इससे उत्तर बिहार का लगभग 20 जिला प्रभावित है. इन जिलों के गांवों, शहरों में बाढ़ का पानी घूस गया है. कई जगह तो बांध भी टूटे हैं.
बिहार के दरभंगा में कोसी नदी का कहर देखने को मिल रहा है. रविवार की रात किरतपुर के भुभौल गांव के पास बांध टूट गया. इससे दो प्रखंड किरतपुर और घनश्यामपुर के दर्जनों गांव प्रभावित है. करीब एक लाख की आबादी सड़क पर आ गयी है. लोग ऊंचे स्थल पर शरण लिए हुए हैं. जिला प्रशासन की ओर से भी राहत बचाव कार्य किया जा रहा है.
इधर, सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के नेतृत्व में अधिकारियों ने दरभंगा और सीतामढ़ी का हवाई सर्वेक्षण किया. डीएम व एसएसपी भी साथ रहे. सर्वेक्षण के बाद बैठक कर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाये जाने का निर्देश दिया. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि तटबंध पर पर्याप्त रौशनी के लिए जेनरेटर की व्यवस्था, अस्थायी शौचालय, 19 कम्युनिटी किचेन, नाव की सुविधा दी गयी.
बिहार के सीतामढ़ी में बागमती नदी का बांध टूटने से कई गांव प्रभावित हैं. बांध टूटने से मधकौल, जाफरपुर, बसौल, पड़राही, कसार, बेलसंड, ओलीपुर, रुपौली सहित कई गांवों में बाढ़ आ गयी है. इन गांवों में बाढ़ आने से करीब 50 हजार आबादी प्रभावित है. जिला प्रशासन की ओर से सर्वेक्षण कर बाढ़ पीड़ितों का हाल लिया जा रहा है. राहत सामग्री का वितरण कराया जा रहा है.