लाइव सिटीज पटना: जातिय गणना को लेकर बिहार सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. पटना हाईकोर्ट 3 जुलाई को इसकी सुनवाई करेगी वहीं सुप्रीम कोर्ट अब 14 जुलाई को फिर से सुनवाई करेगा. इस बीच आरजेडी ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि बिहार में हर हाल में जातीय गणना होगी. बस मुट्ठी भर लोग ध्यान भटका रहे हैं. आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि डिप्टी CM तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में संकल्प लिया है कि बिहार में जाति आधारित गणना हर हाल में सरकार कराने के लिए प्रतिबंध है.
आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने जातीय गणना को लेकर बताया कि राज्य सरकार सभी पहलुओं पर विचार कर रही है. जो भी विकल्प राज्य की सरकार को अपनाना पड़ेगा अपनाएगी और जाति की गणना बिहार में कराकर ही दम लेगी. मुट्ठी भर लोग जिनको सर्वांगीण विकास, समावेशी विकास पसंद नहीं आता है जाति गणना के रास्ते में अवरोध बनना चाह रहे हैं. किसी प्रकार की संस्था को समावेशी विकास के रास्ते में अवरोध नहीं बनना चाहिए.
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि जाति की गणना होने के बाद राज्यों के पास एक साइंटिफिक डाटा उपलब्ध होगा. जिसके आधार पर समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा. गरीबी, लाचारी, अशिक्षा हर जाति हर धर्म में व्याप्त है. इसकी पड़ताल ही जाति आधारित गणना का उद्देश्य है. फिर भी कुछ लोग भयभीत क्यों ? इससे घबराकर मुट्ठी भर लोग कई तरह के प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर देश के मूलभूत समस्या से ध्यान भटका कर हिंदू-मुस्लिम धार्मिक उन्माद का रास्ता अपनाना चाहते हैं ताकि जो आमजन की समस्या है इससे लोगों का ध्यान भटक सकें, पर याद रहे देश की एक-एक जनता महंगाई की मार, बेरोजगारी व देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था से आहत है.
बता दें कि जातिय गणना को लेकर बिहार सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. पटना हाईकोर्ट 3 जुलाई को इसकी सुनवाई करेगी वहीं सुप्रीम कोर्ट अब 14 जुलाई को फिर से सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप पटना हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखिए. अगर वहां तय समय पर सुनवाई नहीं होती है तो वे 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट आ सकतें हैं.