लाइव सिटीज पटना: लैंड फॉर जॉब मामले में दिल्ली में आज तेजस्वी यादव से सीबीआई ने पूछताछ की. इसको लेकर बिहार में सियासत गर्म है. जेडीयू ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेवार बताया है और जमकर हमला बोला है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ विरोधियों को परेशान करने और दवाब बनाने के लिए कर रही है. ललन सिंह ने कहा है कि देश में इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं और केंद्र की सरकार हताशा और बौखलाहट में इस तरह की कार्रवाई कर रही है.
ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव के विरूद्ध सीबीआई की कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित है, 2008 के बाद सीबीआई ने दो बार ज़मीन के बदले नौकरी मामले की जांच की. कुछ नहीं मिला तो जांच बंद कर दी गयी. फिर 2014 में बीजेपी की सरकार बनी और 2022 तक अर्थात् 8 वर्ष तक भी कुछ नहीं मिला लेकिन जैसे ही 9 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार जी महागठबंधन में शामिल हुए, दिव्य ज्ञान से सीबीआई को प्रमाण मिलने लग गया और बदले की भावना से बौखलाहट में दवाब बनाने के लिए कार्रवाई होने लगी.!ललन सिंह ने आगे कहा कि भाई, अघोषित आपातकाल है, सभी संवैधानिक संस्थाएं नियंत्रण में है. कुछ भी किया जा सकता है. लेकिन देश देख रहा है- 2024 में भाजपा मुक्त भारत होगा.
वहीं सीबीआई की जांच का सामना कर रहे तेजस्वी यादव का बचाव करते हुए ललन सिंह ने कहा कि जो राहुल गांधी के साथ हो रह है वैसा ही तेजस्वी यादव के साथ हो रहा है. लैंड फॉर जॉब स्कैम में 2008 से 2014 तक कोई जांच नहीं हुई. 2020 तक भी सीबीआई-ईडी चुप बैठी रही, लेकिन जैसे ही नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हुए. वैसे ही सीबीआई और ईडी को दिव्य ज्ञान हो गया.
ललन सिंह ने आगे कहा कि जो फाइल बंद हो गई थी वह 2022 में फिर से खुल गई. केंद्र सरकार सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ विरोधियों को परेशान करने और दवाब बनाने के लिए कर रही है. पहले इसी तरह राहुल गांधी को परेशान किया गया. अब उसी तर्ज पर तेजस्वी यादव को परेशान किया जा रहा है.