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बिहार विधानसभा बजट सत्र 2025-26: आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश, 3 मार्च को चलेगी कार्यवाही

लाइव सिटीज, पटना: आर्थिक सर्वेक्षण पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस की. सम्राट चौधरी ने कहा कि सीएम नीतीश के नेतृत्व में बिहार डबल डिजिट में प्रगति कर रहा है.

वर्ष 2011-12 पर आधारित गणना के अनुसार सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के सबसे हाल के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान मूल्य पर बिहार की अर्थव्यवस्था 2011-12 के 2.47 लाख करोड़ रु. से 3.5 गुणा बढ़कर 2023-24 में 8.54 लाख करोड़ रु. पहुंच गई.

वर्ष 2023-24 के लिए बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 8,54,429 करोड़ रु. और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 4,64,540 करोड़ रु. होना अनुमानित है.

राज्य में 2011-12 के स्थिर मूल्य पर सकल राज्यगत मूल्यवर्धन (जीएसवीए) में तृतीयक क्षेत्र का 58.6 प्रतिशत योगदान अनुमानित है. जिसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का 21.5 प्रतिशत और प्राथमिक क्षेत्र का 19.9 प्रतिशत योगदान है. 2023-24 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद में वर्तमान मूल्य पर 14.5 प्रतिशत की और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 9.2 प्रतिशत की वृद्धि होना अनुमानित है.

2023-24 में गत वर्ष की तुलना में प्रति व्यक्ति सकल राज्य घरेलू उत्पाद के वर्तमान मूल्य पर 12.8 प्रतिशत बढ़कर 66,828 रु. और 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 7.6 प्रतिशत बढ़कर 36,333 रु. पहुंच जाने का अनुमान है.

वित्तवर्ष 2023-24 में राज्य सरकार का कुल व्यय 2,52,082 करोड़ रु. था। वर्ष 2023-24 में हुए कुल व्यय में योजना व्यय 1,01,835 करोड़ रु. था जबकि कुल स्थापना एवं समर्पित व्यय 1,50,247 करोड़ रु. था.

वर्ष 2019-20 से 2023-24 के बीच राज्य सरकार के राजस्व और पूंजीगत, दोनो लेखों में वृद्धि हुई लेकिन पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय तेज वृद्धि हुई. इस अवधि में राजस्व व्यय 1.5 गुना बढ़ा जबकि पूंजीगत व्यय 3.1 गुना बढ़ गया. फलतः, राज्य सरकार द्वारा किए गए कुल व्यय के प्रतिशत में पूंजीगत व्यय का हिस्सा 2019-20 के 14 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 24 प्रतिशत हो गया.

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