लाइव सिटीज पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 36 एजेंडों पर मुहर लगी है. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये हैं. इस बार भी सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति की नियमावली पास नहीं हो पायी. पिछले डेढ़ महीने से शिक्षक नियुक्ति नियमावली पास होने की चर्चा हो रही है. वहीं बिहार सरकार ने राज्य के मंत्रियों के वेतन-भत्ते में बढ़ोत्तरी की है.
कैबिनेट की बैठक में सीनियर आईएएस दीपक कुमार के सेवा विस्तार प्रस्ताव पर मुहर लगी है. दीपक कुमार मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव हैं. इसके साथ ही मंत्रियों के वेतन भत्ता में वृद्धि के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी है. नीतीश सरकार ने विधायकों, विधान पार्षदों के साथ विधानमंडल में मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक और सचेतक के वेतन-भत्ते में वृद्धि पहले ही कर दी थी. अब राज्य सरकार के मंत्रियों के वेतन भत्ते में वृद्धि की है.
बताया जा रहा है कि कैबिनेट की मुहर लगते ही मंत्रियों के वेतन भत्ते में एकमुश्त 30-35 हजार की बढ़ोतरी हो जाएगी. मंगलवार को आयोजित बैठक में राज्य सरकार के मंत्रियों के वेतन-भत्ते में वृद्धि की स्वीकृति दी गयी. जानकारों का कहना है कि वेतन-भत्ते में वृद्धि प्रति माह 30-35 हजार की गयी है. कहा जा रहा है कि अब राज्य के मंत्रियों का वेतन व भत्ता अब करीब दो लाख 70 हजार हो जायेगा.
बता दें कि विधानमंडल का सत्र होने के कारण सरकार ने आधिकारिक तौर पर ये नहीं बताया कि कैबिनेट की बैठक में क्या फैसले लिये गये. लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार के मंत्रियों के वेतन भत्ते में 25 से 30 हजार की वृद्धि करने का फैसला लिया गया है. चार महीने पहले ही सरकार ने विधायकों और विधान पार्षदों का वेतन भत्ता बढ़ाया था.
इसके अलावे इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये हैं.