लाइव सिटीज पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एनडीए गठबंधन के खिलाफ ‘संयुक्त विपक्ष’ के मैदान में उतरने के विचार पर कटाक्ष किया. एक निजी चैनल के समिट में एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि ये सारी बातें सिर्फ टीआरपी बढ़ाती हैं. साथ ही उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन 2019 से ज्यादा सीटों के साथ 2024 में वापसी करेगी.
उन्होंने आगे कहा कि चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस- मान लीजिए कि ये चारों मोदी बनाम रेस्ट फॉर्मूले के तहत एक साथ आते हैं. सोचिए अगर चंद्रशेखर राव उत्तर प्रदेश में जनसभा करते हैं तो क्या फर्क पड़ेगा? अगर ममता बनर्जी तेलंगाना में रैली करती हैं, तो क्या इससे कोई फर्क पड़ेगा? या अगर (अखिलेश) यादव साहब बंगाल में सभा करते हैं, तो क्या फर्क पड़ेगा?
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि ये दल और नेता केवल अपने राज्यों में भाजपा से लड़ रहे हैं. इस एकता का कोई अर्थ नहीं है. वे एक-दूसरे को नेता नहीं मानते हैं और एक-दूसरे के लिए एक सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं. चलिए मैं मानूं की टीआरएस 5 सीटें ममता जी को तेलंगाना में दे दे तो कोई लड़ाई हुई. समाजवादी पार्टी भी वहां दे दे और ममता जी बंगाल में दोनों को 5-5 सीटें दे दें, तब तो एक हुए. मगर सब अपनी-अपनी लड़ाई भाजपा के सामने लड़ेंगे और कहेंगे हम सब एक हैं, क्या एक हैं.
बता दें कि सीएम नीतीश ने बुधवार को एक बार फिर से विपक्षी एकता की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के अधिक से अधिक लोगों की एकता मेरी इच्छा है. इसका हम इंतजार कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग एक साथ आयें और वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव पूरी मजबूती से लड़ें. इस सिलसिले में हम दिल्ली जाकर लोगों से मुलाकात कर चुके हैं. कई क्षेत्रीय पार्टियां भी एकजुट होना चाहती हैं. सभी लोगों की सहमति की हम प्रतीक्षा कर रहे हैं.