लाइव सिटीज, पटना: महावीर कैंसर संस्थान स्थापना के 27 वर्ष पूरा कर लिया। बीते स्थापना दिवस के मौके पर पिजाती (आचार्य किशोर कुणाल) खुद मौजूद थे। आज नहीं हैं। पिताजी के द्वारा कुछ सेवा मूलक कार्यों की नींव रखी गई थी। जिसे हर हाल में पूरा करना है और वह सभी के सहयोग से पूरा किया जाएगा। इनमें एक है पूर्वी चंपारण के चकिया में बनने वाला विश्व का विराट रामायण मंदिर और पटना में निर्माणाधीन बाल कैंसर अस्पताल शामिल है। यह कहना है बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य और महावीर मंदिर स्थान न्यास समिति के सचिव सायण कुणाल का। वे आचार्य किशोर कुणाल (पिताजी) को याद करते ही भावुक हो गए। सायण कुणाल शुक्रवार को महावीर कैंसर संस्थान के 27 वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि महावीर कैंसर संस्थान के लिए जमीन कैसे ली गई, मुझे अच्छी तरह याद है। इसके अलावा महावीर कैंसर संस्थान का निर्माण पूरी तरह से महावीर मंदिर के दान (चढ़ावे) के पैसे से हुआ है। महावीर कैंसर संस्थान का निर्माण एसे दौर में हुआ है जब राज्य के मरीजों के कैंसर की बीमारी त्रासदी बन गई थी। मरीज को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता था। पैसे अधिक खर्च करने पड़ते थे। कैंसर मरीज का इलाज कारपोरेट तौर पर नहीं बल्कि मानव धर्म के तौर पर होना चाहिए। पिताजी इसी में विश्वास रखते थे। आज ही के दिन बाल कैंसर अस्पताल की भी नींव रखी गई थी। पिताजी कहते थे महावीर जी सभी मनोकामना पूरी करते हैं और करते रहेंगे। हमलोग कहते यह सब कैसे होगा। पिताजी कहते थे महावीर जी के पास अक्षय पात्र है। पिताजी कई बार कहा करते थे किसी भी अस्पताल के लिए एक बीमार और रूग्ण इंसान, भगवान से कम नहीं होता। वे इस वजह से अस्पताल में गरीब कैंसर मरीजों के लिए एक छत के नीचे सारी सुविधाएं बहाल कराई थीं।
बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने भी नम आंखों से आचार्य किशोर कुणाल के प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित की और कहा कि आचार्य किशोर कुणाल जी सभी गुणों से परिपूर्ण थे। गरीब, असहाय और बीमार लोगों के प्रति संवेदनशील रहते थे। उनके बारे में जितनी भी चर्चाएं की जायं कम है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एलबी सिंह ने कहा कि संस्थान में गरीब मरीजों की सहूलियत के लिए महावीर कार्किनॉस एनजीएस लैब स्थापित की गई है। यह राज्य का पहला माल्यूकुलर लैब है और बाजार से काफी कम खर्च में जांच की व्यवस्था है। इससे मरीजों को सहूलियत हो गई है। निदेशक (प्रशासन) डॉ.बी सान्याल ने कहा कि आचार्य किशोर कुणाल के बताए गए मार्गदर्शन में चलना हमारा उतरदायित्व है। कार्यक्रम के बाद कैंसर पीड़ित बच्चों को उपहार भी वितरित किए गए। मौके पर विजय कुमार सिंह,चिकित्सा निदेशक डॉ.मनीषा सिंह, रेडियोथेरेपी विभाग प्रमुख डॉ.विनिता त्रिवेदी, संस्थान के अपर निदेशक संजय कुमार आदि मौजूद थे।
