लाइव सिटीज, पटना: महावीर मंदिर अब राष्ट्र सेवा की ओर भी अग्रसर हो रहा है। इसी कड़ी में यदि भविष्य में युद्ध के दौरान सेना या फिर उनके परिजनों को इलाज की जरूरत पड़ी तो महावीर मंदिर स्थान न्यास समिति की और से संचालित अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं। इस बाबत शुक्रवार को दोनों ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया।
करार के तहत दानापुर मिलेट्री अस्पताल के मरीज, सेना के जवान या उनके परिजनों को इलाज की जरूरत हुई तो ये लोग महावीर मंदिर की ओर से संचालित सभी अस्पतालों में इलाज करा सकते हैं। जरूरत पड़ने पर दानापुर मिलेट्री अस्पताल में भी महावीर मंदिर द्वारा संचालित अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक अपनी सेवा दे सकते हैं। जिससे सेना के जवानों का इलाज युद्ध के दौरान प्रभावित न हो और उनका इलाज उनके अस्पताल में ही संभव हो सके।
इस बाबत शुक्रवार को महावीर मंदिर स्थान न्यास समिति और भारतीय सेना-हेडक्वार्टर सेंट्रल कमांड के साथ एमओयू (करार) पर हस्ताक्षर किया गया। करार पर हस्ताक्षर महावीर मंदिर स्थान न्यास समिति के सदस्य सायण कुणाल और दानापुर छावनी के मिलेट्री हॉस्पिटल के कमांडिंग आफिसर कर्नल तमाल बासु ने किया। महावीर मंदिर ने मानव सेवा के क्षेत्र में अपना अद्वितिय कीर्तिमान स्थापित किया है। मौके पर समिति के सदस्य वीएस दुबे, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एके चौधरी, एसीईओ बीके मिश्रा आदि मौजूद थे।
सायण कुणाल ने कहा कि आज हम सभी ने राष्ट्र सेवा के दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय सेना के जवानों, उनके परिजनों के इलाज में सहूलियत के लिए लिया गया है। उन्होंने बताया कि सेना ने जवानों के इलाज के लिए दिल्ली में दिल्ली एम्स के साथ तो बिहार में महावीर मंदिर स्थान न्यास समिति की ओर से संचालित अस्पतालों के साथ करार किया है। बता दे कि इस करार की कोई समय-सीमा नहीं है। महावीर मंदिर स्थान न्यास समिति की ओर से नौ अस्पताल संचालित किए जाते हैं। इसमें महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य संस्थान, महावीर वात्सल्य अस्पताल, महावीर नेत्रालय, महावीर हॉर्ट हॉस्पिटल आदि शामिल है।
