लाइव सिटीज, पटना: बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री एवं जद(यू) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अशोक चौधरी ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को ₹100 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है।डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए निराधार एवं भ्रामक आरोप उनकी घबराहट और बौखलाहट का परिणाम हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे पहले भी उन्होंने प्रशांत किशोर पर मानहानि का मामला दायर किया था, जिसके अंतर्गत माननीय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, पटना द्वारा परिवाद वाद संख्या 6989/2025 में प्रशांत किशोर को दिनांक 17.10.2025 को पेशी हेतु बुलाया गया है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय से बुलावा आने के बाद प्रशांत किशोर डर गए और उसी घबराहट में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऊल-जुलूल एवं झूठे आरोप लगाने लगे। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने जिस तथाकथित 200 करोड़ रुपये की संपत्ति का हवाला दिया है, वह सरासर झूठ है।
अशोक चौधरी ने बताया कि उनकी बेटी वर्तमान सांसद, समस्तीपुर की छवि भी धूमिल करने का प्रयास किया गया है । उनके बारे में बेनामी संपत्ति होने का झूठा आरोप प्रशांत किशोर द्वारा लगाया गया है । इस संबंध में यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि जिस संपत्ति को लेकर बेनामी का आरोप लगाया जा रहा है, वह पूर्णतः निराधार है।
उक्त संपत्ति दिनांक 21.02.2021 को उनकी पुत्री एवं समस्तीपुर से माननीय सांसद श्रीमती शाम्भवी चौधरी द्वारा अपनी वैधानिक आय एवं संसाधनों से खरीदी गई थी। इस संपत्ति का स्पष्ट उल्लेख उनके चुनावी शपथ-पत्र में भी अंकित है। अतः इस मामले में किसी प्रकार की बेनामी का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
अशोक चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर में न तो राजनीतिक शुचिता है और न ही जनसेवा की कोई दृष्टि। वे केवल अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं और निराधार आरोपों के सहारे जनता को गुमराह करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। जिनकी पूरी राजनीतिक नींव ही झूठ और भ्रामकता पर टिकी हो, वे जनता के कल्याण और उनके हितों की रक्षा की बात कैसे कर सकते हैं।
अशोक चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी झूठा दावा किया कि उनकी पत्नी श्रीमती नीता केसकर चौधरी और समधन, परम आदरणीय आचार्य किशोर कुणाल जी की धर्मपत्नी श्रीमती अनीता कुणाल के बीच बैंकिंग लेन-देन हुआ है। यह पूरी तरह असत्य और भ्रामक है। उन्होंने कहा कि इस तरह की मनगढ़ंत बातें करके प्रशांत किशोर केवल जनता को गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि श्री किशोर द्वारा उल्लेखित ट्रस्ट अथवा किसी भी ट्रस्ट के कार्यकलापों से उनका कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध कभी नहीं रहा है। जहाँ तक उनके परिवार के सदस्यों का नाम घसीटा जा रहा है, वह भी प्रशांत किशोर की ओर से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने का एक घिनौना प्रयास मात्र है।
अशोक चौधरी ने कहा कि उनका सार्वजनिक जीवन पूरी तरह पारदर्शी और स्वच्छ रहा है। तीन दशकों से अधिक की जनसेवा को जनमानस ने सराहा है और यह निराधार आरोप उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल नहीं कर सकते। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कानून अपना कार्य करेगा और न्यायालय में सत्य स्वतः उजागर होगा।
अशोक चौधरी ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में प्रशांत किशोर के असत्य एवं निराधार शब्दों ने उन्हें और उनके परिवार को गहराई से आहत किया है। परिवारिक स्तर पर इस प्रकार की घृणित राजनीति करना निंदनीय है और इसके लिए प्रशांत किशोर को सार्वजनिक रूप से माफी माँगनी चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि परिस्थितियों और दस्तावेज़ों से समर्थित तथ्यों के आलोक में उन्हें पहले ही ₹100 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा जा चुका है। इस नोटिस के तहत प्रशांत किशोर को सात दिन के भीतर लिखित एवं मौखिक रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिना शर्त माफी माँगनी होगी। यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उनके विरुद्ध उपयुक्त आपराधिक कार्यवाही और ₹100 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति हेतु दीवानी वाद दायर किया जाएगा।