लाइव सिटीज, पटना: लोकसभा में हाल ही में हुए महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ जैसे राष्ट्रगौरव से जुड़े विषय पर बोलने का अवसर प्राप्त कर सांसद शाम्भवी ने इसे अपने जीवन का गौरवपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने कहा कि एक युवा महिला सांसद के रूप में इस विषय पर अपनी बात रखने का सौभाग्य उन्हें मिला, इसके लिए वह लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान की अत्यंत आभारी हैं। उन्होंने कहा कि पासवान ने न केवल उन्हें मंच प्रदान किया, बल्कि महिला नेतृत्व को आगे बढ़ाने का एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
अपने दमदार और ओजस्वी भाषण में शाम्भवी ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि “ऑपरेशन सिन्दूर आतंकवादियों को नहीं, बल्कि उनके हौसलों को नेस्तनाबूद करने की कार्रवाई थी। यह ऑपरेशन माताओं की ममता, बहनों की अस्मिता और भारत की संप्रभुता की रक्षा का प्रतीक है।”
उन्होंने कहा कि आज का भारत केवल कड़ी निंदा नहीं करता, बल्कि कड़ी कार्रवाई भी करता है — और वही हुआ ऑपरेशन सिन्दूर में। उन्होंने संसद में अपने भाषण के दौरान जोर देते हुए कहा: “जो भारत की बेटियों की ओर आँख उठाकर देखेगा, वह अब चैन की नींद नहीं सो पाएगा।”
“यह भारत अब चुप नहीं बैठता, यह भारत अब जवाब देता है—वो भी निर्णायक और दमदार जवाब!”“यह ऑपरेशन केवल सैन्य सफलता नहीं, बल्कि कूटनीतिक और मानवीय विजय भी है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह गौरव का विषय है कि ऑपरेशन सिन्दूर के बाद भारत ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजे और जब भारत ने बोला, तो पूरी दुनिया ने सुना। उन्होंने बताया कि उन प्रतिनिधिमंडलों ने भारत की बात को मजबूती से रखा, और वैश्विक समर्थन उसी का परिणाम था।
अपने वक्तव्य में शाम्भवी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल एक राजनीतिक कार्रवाई नहीं थी, बल्कि भारत की नारी गरिमा, राष्ट्रीय आत्मसम्मान और सुरक्षा नीति का पराक्रम था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत की बेटियाँ असहाय नहीं, सशक्त हैं — और भारत सरकार उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी है।
उन्होंने बिहार के कर्मठ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी की दूरदर्शी नीतियों और न्याय के साथ विकास के सिद्धांत के कारण ही बिहार की बेटियाँ आज संसद से लेकर सीमा तक अपनी भूमिका निभा रही हैं।
श्रीमती शाम्भवी ने यह भी कहा कि उनका यह भाषण केवल एक सांसद का वक्तव्य नहीं था, बल्कि हर उस भारतीय बेटी की आवाज थी जो आत्मगौरव, सुरक्षा और सम्मान के साथ जीना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह भारत अब मूकदर्शक नहीं, न्याय का वाहक है।
अपने वक्तव्य के समापन में उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि “राष्ट्र की सुरक्षा, नारी की गरिमा और वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा के लिए हम सभी को एकजुट होकर खड़ा होना होगा। यह समय है एकता, आत्मबल और राष्ट्रवाद को पुनः परिभाषित करने का।”