लाइव सिटीज, पटना: लालू यादव के शासन काल में मुख्यमंत्री आवास से अपहरण का डील हुआ करता था. सुभाष यादव के इस खुलासे के बाद बिहार में सियासी भूचाल आ गया है. सुभाष यादव आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के साले और राबड़ी देवी के भाई हैं. सुभाष यादव पत्राकरों से बात करते हुए दावा किया है कि 90 के दशक में बिहार में जो अपहरण एक उद्योग बन गया था उसकी चाभी लालू प्रसाद यादव के पास थी.
सुभाष यादव ने कहा कि यह किसी से नहीं छुपा है. अपहरण कौन करवाता था और इसमें किसकी संलिप्ता थी. हर किसी को ये पता है. इसके कारण ही बिहार की स्थिति को देखते हुए हाइकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि बिहार में जंगलराज है. उस समय सीएम लालू यादव के दोनों साले पर कई आरोप लगे थे. आज कई सालों के बाद लालू प्रसाद के साले सुभाष यादव ने ही इसका खुलासा किया है. उन्होंने साफ कहा है कि अपहरण का डील सीएम आवास से हुआ करता था.
चुनावी साल में राबड़ी देवी के भाई के इस खुलासे से बिहार में एक सियासी भूचाल आ गया है. वहीं सुभाष यादव के इन आरोपों को उनके भाई साधु ने खारिज किया है. उन्होंने कहा कि सुभाष की आंखें 35 साल बाद क्यों खुली हैं? 35 सालों तक वो क्यों चुप थे? साधु यादव ने अपने भाई पर पलटवार करते हुए कहा कि सुभाष यादव के ही घर में गुंडों और अपराधियों का जमावड़ा रहता है.
मैंने लालू जी से कहा था कि इसे अहमियत नहीं दीजिए.बहरहाल, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के सगे भाइयों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच बिहार की सियासत में गर्मी बढ़ गई है.लालू यादव लगाए गए इन गंभीर आरोपों के बाद तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं.