लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024) के लिए राजद अध्यक्ष लालू यादव की ओर से अपने हिस्से की 22 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लग गई है.राजद ने मंगलवार, 9 अप्रैल की देर शाम को प्रत्याशियों की लिस्ट भी जारी किया है. इस लिस्ट में अधिकांश नाम उन नेताओं के हैं जिन्हें पार्टी पहले ही चुनाव सिंबल दे चुकी है. राजद (RJD) के 22 उम्मीदवारों में 8 यादव, 2 मुसलमान और 2 सवर्ण हैं.सबसे ज्यादा चर्चा सवर्ण को लेकर है क्योंकि भाजपा ने 10 सवर्ण को टिकट दिया है, जबकि पिछले साल राजद ने 3 राजपूत उम्मीदवारों को टिकट दिया था. इस बार सिर्फ एक राजपूत और एक भूमिहार को टिकट मिला है. अब सवाल है कि क्या माई बाप की बात करने वाली राजद को सवर्ण उम्मीदवारों पर भरोसा नहीं है. क्यों राजद ने सवर्ण पर भरोसा नहीं जताया. चलिए इसके कारणों को विस्तार से जानते हैं.
पिछले चुनाव में 3 राजपूत को टिकट
राजद ने 2019 की लोक सभा चुनाव में 3 राजपूतों पर भरोसा दिखाया था. बक्सर से प्रदेस अध्यक्ष जगदानंद सिंह , वैशाली से रघुवंश प्रसाद सिंह और महाराज गंज से राणा रणधीर सिंह ने राजद की सिंबल पर चुनाव लड़ा था. हालांकि राजद के किसी भी उम्मीदवार का खाता भी नहीं खूला था.
2024 में भूमिहार पर जताया भरोसा
राजद ने 2024 की लोक सभा चुनाव में भूमिहार पर भरोसा जताया है. वैशाली की सीट से मुन्ना शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है. राजद ने भूमिहारों मतदाताओं को अपनी ओर लूभाने के लिए कई संदेश भी दे चुकी है. खूद तेजस्वी यादव ने भूमिहार समाज के एक कार्यक्रम में शामिल होकर भूमिहार वोटरों को साधने की कोशिश की थी. 3 राजपूत में से एक को टिकट पिछली बार 3 राजपूत उम्मीदवार को टिकट दिया गया था. जिसमें से वैशाली की सीट से चुनाव लड़ने वाले राजद के कद्धावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह अब नहीं हैं, राणा ऱणधीर को टिकट नहीं मिला है जबकी जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को बक्सर से टिकट मिला है.