लाइव सिटीज, पटना: नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इसमें सुरेंद्र मेहता, केदार गुप्ता, हरि सहनी, दिलीप जायसवाल, संतोष सिंह और कृष्णनंदन पासवान का नाम शामिल है। भले ही ये पहली बार बिहार सरकार में मंत्री बने हैं लेकिन सभी पार्टी के पुराने नेता हैं। पटना स्थित राजभवन में शुक्रवार शाम को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी से 12 और जेडीयू से 9 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। बिहार मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या बढ़कर अब कुल 30 हो गई है। जेडीयू से सभी पुराने चेहरों को ही मंत्री बनाया गया है।
सुरेंद्र मेहता बेगूसराय जिले के बछवाड़ा से बीजेपी के विधायक हैं। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत लेफ्ट पार्टी सीपीआई से की थी, वे जिला पार्षद रहे। इसके बाद बीजेपी में आकर 2010 में बेगूसराय सीट से विधानसभा का चुनाव जीता। 2015 में वे कांग्रेस की अमिता भूषण से चुनाव हार गए। 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें बछवाड़ा से टिकट दिया। हालांकि, यहां उन्हें सीपीआई के अवधेश राय से कड़ी टक्कर मिली। सुरेंद्र मेहता महज 484 वोटों के अंतर से जीत दर्ज कर पाने में सफल रहे। सुरेंद्र कुर्मी जाति से आते हैं।
नीतीश सरकार में मंत्री बनाए गए केदार प्रसाद गुप्ता मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी से बीजेपी के विधायक हैं। वह मल रूप से गोबरसही के रहने वाले हैं। उन्होंने जनता दत ऐप पर पढ़ें राजनीति की शुरुआत की थी। वे तीन बार मझौली खेतल पंचायत के मुखिया रह चुके हैं। 2015 में पहली बार कुढ़नी से विधायक बने। 2020 का विधानसभा चुनाव हार गए। 2022 में जब कुढ़नी से आरजेडी विधायक अनिल सहनी की सदस्यता चली गई तो, उपचुनाव में केदार गुप्ता फिर से जीतकर विधानसभा पहुंचे।
नीतीश सरकार में मंत्री बनाए गए केदार प्रसाद गुप्ता मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी से बीजेपी के विधायक हैं। वह मूल रूप से गोबरसही के रहने वाले हैं। उन्होंने जनता दल से राजनीति की शुरुआत की थी। वे तीन बार मझौली खेतल पंचायत के मुखिया रह चुके हैं। 2015 में पहली बार कुढ़नी से विधायक बने। 2020 का विधानसभा चुनाव हार गए। 2022 में जब कुढ़नी से आरजेडी विधायक अनिल सहनी की सदस्यता चली गई तो, उपचुनाव में केदार गुप्ता फिर से जीतकर विधानसभा पहुंचे।