लाइव सिटीज, पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की विभाग में वापसी हो गई है. सीएम नीतीश ने उन्हें आखिरकार मना ही लिया और इसके साथ ही शिक्षा मंत्री चंद्रेशखर से शिक्षा विभाग ले लिया. उनकी जगह पर अब आलोक महता को ये विभाग दिया गया है. चंद्रेशखर को गन्ना विभाग मिला है. नीतीश कुमार के इस फैसले से अभिभावक और कई शिक्षक भी खुश हैं, साथ ही राजनीतिक हल्के में आरजेडी के बैकफुट पर आने की बात कही जा रही है.
इस बीच हम के संरक्षक जीतन राम मांझी ने भी अपने एक्स अकाउंट पर नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है, उन्होंने लिखा की अच्छे काम की तारीफ होनी चाहिए. के.के.पाठक जी की वापसी बिहार के गरीबों, वंचितों खास कर दलितों के शिक्षा के लिए शुभ संकेत है है. शिक्षा विभाग को ऐसे ही आईएएस की जरूरत है.
जीतनराम मांझी ने कहा कि के.के.पाठक जी वापसी बिहार के गरीबों, वंचितों खास कर दलितों के शिक्षा के लिए शुभ संकेत है. वैसे लालू यादव जी का कुनबा नहीं चाहता था कि यह तबका पढ़े. बदलाव के लिए धन्यवाद नीतीश जी.अच्छे काम की तारीफ होनी चाहिए. पाठक जी जैसे पदाधिकारी यदि मुख्य सचिव बन जाएं तो राज्य का भला हो जाएगा
आपको बता दें कि इससे पहले भी बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने केके पाठक की तारीफ करते हुए उनसे एक मांग की थी. जीतन राम मांझी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा था कि “वैसे तो केके पाठक साहब शिक्षा के दिशा में अद्वितीय काम कर रहें हैं. पर यदि वह एक काम और कर दें तो शिक्षा के क्षेत्र में एतिहासिक सुधार हो जाएगा. मुख्य सचिव का बच्चा हो या चपरासी का, विधायक का बच्चा हो या मंत्री का, सरकार से वेतन उठाने वालों के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढ़ेंगे.