लाइव सिटीज: पटना बिहार के मंत्री से लेकर सभी स्तर के अधिकारी अब और भी महंगे गाड़ियों की सवारी कर सकेंगे। इसे लेकर बिहार वित्त विभाग ने भी आदेश जारी कर दिया है। अब मंत्री अधिकतम 30 लाख रुपये तक की गाड़ी, जबकि विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव या सचिव स्तर के अधिकारी 25 लाख रुपये तक की गाड़ी पर सवारी कर सकेंगे। जबकि, हाईकोर्ट के न्यायाधीश को मंत्री के समकक्ष मूल्य के ही यानी 30 लाख रुपए तक का वाहन खरीदने का अधिकार दिया गया है।
वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि जिला जज और जिलाधिकारी के समकक्ष स्तर के अधिकारियों के लिए वाहन खरीद की अधिकतम कीमत 20 लाख रुपए निर्धारित है। जबकि, पुलिस अधीक्षक और उसके समकक्ष पदाधिकारियों के लिए यह सीमा 16 लाख रुपये तय की गई है। वहीं, अन्य अधिकारी जिनके लिए वाहन अनुमान्य है, उनके लिए यह सीमा 14 लाख तय की गई है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले फरवरी 2020 में वित्त विभाग ने वाहन खरीद के लिए अधिकतम मूल्य तय किया था। इस बार मूल्य के निर्धारण में करीब 2 से 5 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। तीन साल बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा मंत्री से लेकर अधिकारियों एवं पदाधिकारियों के लिए सरकारी कार्यालयों में प्रयोग के लिए वाहन खरीद की सीमा निर्धारित की गई है।
इस कमेटी में निर्णय के बाद वित्त विभाग के सचिव (संसाधन) लोकेश कुमार सिंह ने सभी विभागों के प्रमुख को विभिन्न स्तरों के लोक सेवकों और अधिकारियों को सरकारी वाहन की खरीद के लिए खर्च की अधिकतम सीमा निर्धारित किए जाने से संबंधी दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसी दिशा-निर्देश के अंतर्गत सभी सरकारी पदाधिकारी और अधिकारी अपने कार्यालय में गाड़ी की खरीद करेंगे। मनमाने ढंग से गाड़ी की खरीद नहीं होगी। इसमें वाहन की ऑन रोड कीमत एवं साज-सज्जा में होने वाले अन्य खर्च भी शामिल किए गए हैं।