लाइव सिटीज, पटना: आरक्षण संशोधन विधेयक बिहार विधान परिषद से भी पास हो गया है.विधानसभा से कल ही ध्वनिमत से पारित हुआ था.अब यह विधेयक राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए जाएगा.
बताते चलें कि इस संशोधन विधेयक के जरिए आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने की मंजूरी विधानसभा और विधान परिषद से दी गयी है.इस संशोधन के बाद बिहार में आरक्षण की कुल सीमा 60 से बढ़कर 75 फीसदी हो जाएगी.10 फीसदी सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगो के लिए केन्द्र सरकार द्वारा दी गई है और पिछले दिनों बिहार सरकार ने भी इसे मंजूरी दी थी.इसके साथ ही संशोधन के जरिए पिछड़ा वर्ग के लिए 12 से बढा़कर18 फीसदी,अति पिछड़ा वर्ग के लिए 18 से बढ़ाकर 25 फीसदी,अनुसूचित जाति के लिए 16 से बढ़ाकर 20 फीसदी और अनुसूचित जनजाति के लिए 1 से बढ़ाकर 2 फीसदी की गयी है.
बिहार सरकार ने ये कदम जाति आधारित गणना और आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के बाद उठाया है.जातीय गणना की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में सवर्णों की आबादी 15.52 फीसदी,पिछड़ा वर्ग की 27.12 फीसदी,अति पिछड़ा वर्ग की 36.01,अनुसूचित जाति की 19.65 और अनुसूचित जनजाति की 1.68 फीसदी आबादी है.जातीय गणना के बाद जिसकी जितनी आबादी,उसकी उतनी भागेदारी नारे की चर्चा होने लगी थी और फिर सरकार ने आबादी के अनुसार आरक्षम का दायरा बढा़ने का निर्णय लिया है.पहले कैबिनेट से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी और फिर इस आरक्षण संशोधन विधेयक को विधानसभा और विधान परिषद से मंजूरी दी गयी है.