लाइव सिटीज, सहरसा: 20 साल के लंबे अंतराल के बाद इतिहास एक बार फिर से दुहराया जा रहा था. पूर्व सांसद आनंद मोहन के गांव पंचगच्छिया में जहां आनंद मोहन के दादा और स्वतंत्रता सेनानी राम बहादुर सिंह और चाचा पद्मानंद सिंह के प्रतिमा अनावरण के लिए बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार अपने पुराने मित्र आनंद मोहन के बुलावे पर पहुंच गए. इस दौरान नीतीश कुमार ने न सिर्फ मूर्ति का अनावरण किया बल्कि बीस साल बाद एक मंच पर साथ आने के बाद पूरे बुलंदी से कहा कि हमारा रिश्ता तो इनसे खास है. हम तो समर्थक हैं आपके
दरअसल गोपालगंज के तत्कालीन DM की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे आनंद मोहन को नीतीश कुमार के प्रयास से आजीवन कारावास से राहत मिली और उसके बाद नीतीश कुमार के प्रति आनंद मोहन की दोस्ती और गाढ़ी होती चली गई, वो भी तब जब उनके बेटे चेतन आनंद आरजेडी से विधायक और पत्नी लवली आनंद आरजेडी में शामिल हैं. बावजूद इसके जब मूर्ति का अनावरण करना था तब आनंद मोहन ने नीतीश कुमार को अनावरण के लिए आमंत्रित किया और नीतीश कुमार भी दोस्ती निभाने आनंद मोहन के गांव पहुच गए
आनंद मोहन जब मंच से बोलने लगे तो उन्होंने नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की. उन्होंने अपने अंदाज में आनंद मोहन की तारीफ करते हुए कहा कि मेरी रिहाई के लिए बिहार की जनता ने पूजा पाठ किया, आंदोलन किया, धरना प्रदर्शन किया. जो भी लोकतांत्रिक तरीके से हो सकता था, प्रयास किया लेकिन इन सबसे से महत्वपूर्ण जो भूमिका नीतीश कुमार ने रिहाई के लिए उठाई उसे मैं कभी नहीं भूल सकता हूं.आनंद मोहन ने मंच से नीतीश कुमार की तरफ देखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने आपके भाई आनंद मोहन को रिहा करने के लिए कानून में तब्दीली किया, जिसकी वजह से आपका भाई रिहा हो पाया.