लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: नालन्दा यूनिवर्सिटी में आयोजित 2 दिवसीय वैशाली उत्सव में देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अलेंकार के साथ असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने हिस्सा लिया। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोंविद ने समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे लोकतंत्र में बुद्ध के संदेशों की झलक मिलती है।
इस कार्यक्रम में मौजूद राज्यपाल राजेन्द्र आर्लेकर ने कहा कि इस समारोह का महत्व बिहार में हीं क्यों? क्योंकि लोकतंत्र की जननी भारत का बिहार ही है। जिसका जन्म वैशाली से हुआ। इसे गौरवशाली क्षण में बदलने के लिए यह समारोह का बिहार में होना सार्थक है। इस दौरान मौके पर मौजूद असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इंडिया में लोकतंत्र का सफ़र 5000 साल पहले का है, लोकतंत्र की शुरुआत 1947 से नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठे कुछ लोग सोचते हैं की उन्होंने डेमोक्रेसी लाया। लेकिन हक़ीक़त है ये डेमोक्रेसी यहाँ के लोगों ने लाया। हमें अपने टेक्स्ट बुक में इस बात का सुधार करना चाहिए की 1947 से देश में लोकतंत्र आया लोगो को ये बताना होगा की भारत लोकतंत्र की जननी है। प्रधानमंत्री इस बात का जिक्र करते हैं।
वहीं बिहार के शिक्षा मंत्री की ओर से रामायण की चौपाई और सनातन धर्म पर सवाल उठाने के मामले पर कहा कि ये सारे बयान राहुल गाँधी दिलवा रहे हैं। ण्डिया गठबंधन का एक ही एजेंडा सनातन को खत्म करो हिन्दू को ख़त्म करो। राहुल ने ऐसे बयान देने वालो को मन्त्रीमण्डल से हटाने की बात क्यों नहीं कही. ऐसे बयान देने वाले दलों से गठबंधन क्यों नहीं तोड़ा। इसी बीच उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि बिहार, असम और बंगाल के लिए रोहिंग्या चुनौती बने हुए हैं। इन राज्यों के लिए NRC जरुरी है, बाहरी लोगो की पहचान होनी चाहिए। असम में दिसंबर महीने में CAA को लेकर आएगा बिल।