लाइव सिटीज, पटना: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा ने कहा की सीएम नीतीश जान-बूझकर समान आचार संहिता में अड़ंगा डालना चाहते हैं, वे नहीं चाहते हैं कि देश का माहौल बढ़िया हो। देश में हर धर्म के लोग शांति से रहें। राजद सुप्रीमो लालू यादव की तरह नीतीश कुमार भी तुष्टिकरण की नीति अपना रहे हैं। वे वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने दिल्ली से आये ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच हुई मुलाकात को लेकर ये बातें कही। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से समान आचार संहिता नहीं लागू करने की मांग की। इस पर नीतीश कुमार ने इसे बिहार में लागू नहीं करने का आश्वासन दिया है।
प्रेमरंजन पटेल ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार देश से बाहर नहीं है। समान आचार संहिता को पूरे देश में लागू होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साफ बोले हैं कि बीजेपी वोट बैंक की राजनीति नहीं करती है। समान आचार संहिता देश के हित में है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में इसका विरोध महागठबंधन के नेता धर्म विशेष के लोगों को खुश करने के लिए कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि समान आचार संहिता लागू होने से देश के हर एक नागरिक पर एक जैसा कानून लागू होगा, चाहे वह किसी भी धर्म, संप्रदाय और जाति के लोग होंगे। इससे सबको फायदा है। शादी, तलाक, गोद लेने और उत्तराधिकारी स्थापित करने जैसे जमीन जायदाद के मुद्दे में एक जैसा कानून लागू करना ही समान आचार संहिता का उद्देश्य है। भारत में आपराधिक कानून हर एक नागरिक के लिए सामान है, जबकि नागरिक कानून देश में मौजूद अलग-अलग धर्म और वर्गों के द्वारा उनके धर्मों के अनुसार पर्सनल कानून फॉलो किए जाते हैं। हिन्दु धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म के द्वारा 1956 से ही हिंदू कोड बिल को फाॅलो किया जाता है, जिसे संविधान में मान्यता दी गई है।
उन्होंने कहा कि देश के संविधान में अनुच्छेद 44 में भी समान नागरिक संहिता का वर्णन मिलता है। उसमें यह कहा गया है कि अगर राज्य चाहे तो समान नागरिक संहिता को लागू कर सकता है। समान नागरिक संहिता का मुख्य उद्देश्य सभी धर्मों को समान रूप से मान्यता देना है और विभिन्न धर्मों के बीच व्यापक भेदभाव और पक्षपात को खत्म करना है। लेकिन नीतीश कुमार एक विशेष धर्म के लोगों को खुश करने के लिए समान आचार संहिता को बिहार में लागू करने से इंकार कर रहे हैं और इसे लेकर ओछी राजनीति कर रहे हैं।