नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि बिहार विधानसभा में होने वाली सिक्योरिटी गार्ड के टेंडर में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। टेंडर हासिल करने वाली एजेंसी ही निविदा की शर्तों को तैयार कर रही है। बिहार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बहाली से जुड़ी जानकारी मांगी गई है, ताकि सच्चाई सामने आ सके। विधानसभा में सिक्योरिटी गार्ड की बहाली का टेंडर निकला है और जिस एजेंसी को टेंडर मिला है उसने ही निविदा की शर्तों बनाई हैं। विधानसभा सचिवालय ने मनमाने तरीके से एजेंसी का चयन किया है।
विजय सिन्हा ने बताया कि निविदा होने के बाद उसकी शर्तों में सुधार किया गया। जितनी सिक्योरिटी मनी एजेंसी से जमा करानी थी उसे अंत समय में बदलकर कम कर दिया गया। 72 लाख रुपए एजेंसी को जमा करने थे लेकिन उसे बदलकर 12 लाख कर दिया गया। सरकार ने शुरूआत में इस राशि को 72 लाख इसलिए रखा कि राशि देखकर ही लोग पीछे हट जाएं और चहेते लोगों को टेंडर दिया जा सके और बहाली घोटाला का खेल खेला जा सके। नियमों को ताक पर रखकर उक्त एजेंसी को टेंडर दिया गया है।
उन्होने कहा कि बिहार में कमीशनखोरी की सरकार चल रही है। जितने भी टेंडर हो रहे हैं उसमें कमीशनखोरी और पार्टनरशीप का खेल चल रहा है। पहले कमीशन लिया जाता था लेकन अब तो उसमें पार्टनरशीप का रोल अदा किया जा रहा है। बिहार में यह व्यवस्था खुलेआम चल रही है। हाल ही में हुए एंबुलेंस टेंडर घोटाले में सारी सच्चाई सामने आ चुकी है। सत्ता में बैठे लोगों और भ्रष्ट पदाधिकारियों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसमें संलिप्तता है। इसलिए पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।