लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा पुल रविवार (5 जून) को भरभराकर गिर गया. गंगा नदी पर बन रहा ये पुल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के अनुसार पुल के डिजाइन में ही गलती थी. तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे विभागीय गलती बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं. अब ये मामला अब पटना हाईकोर्ट पहुंच गया है. पटना हाईकोर्ट (Patnaमें याचिका दायर की गई है.
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में इस पुल के निर्माण में बड़े लेवल पर भ्रष्टाचार होने की आशंका जताई है. उसने कोर्ट से मांग की है कि पुल गिरने के हादसे की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए. इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी भ्रष्टाचार होने की आशंका जता चुके हैं. उन्होंने कहा है कि कुछ गड़बड़ी हुई है, तभी ये पुल गिरा है. वहीं सरकार को आईआईटी रुड़की की उस रिपोर्ट का भी इंतजार है, जो पुल के जांच से जुड़ी है.
बार-बार इस पुल के गिरने से सीएम नीतीश कुमार की जमकर किरकिरी हो रही है. मुख्यमंत्री ने इसे विभागीय गलती बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को ही इसकी जांच सौंपी है. हालांकि, मुख्यमंत्री के इस फैसले से जेडीयू विधायक संजीव कुमार को ही आपत्ति है.
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जिस व्यक्ति के मार्गदर्शन में यह हादसा हुआ है उसे जांच के कार्य से दूर रखना चाहिए. जेडीयू विधायक ने दावा किया कि कुछ समय पहले ही मैंने प्रत्यय अमृत को पिलर संख्या 10 और 11 में क्रैक आने की जानकारी दी थी. इसके बाद भी प्रत्यय कुमार ने कोई संज्ञान नहीं लिया था.