बिहार के भागलपुर में रविवार (4 जून) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट गंगा नदी में समा गया. निर्माणाधीन पुल का तीन पाया रेत की तरह भरभराकर गिर गया. पुल गिरने के बाद अब वीडियो वायरल हो रहा है जिसके बाद आम लोगों में चर्चा तेज है कि ये प्रोजेक्ट कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
विकास के नाम पर जनता से टैक्स के रूप में वसूली जा रही गाढ़ी कमाई की बर्बादी को लेकर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर मुखर होकर अपनी बात लगातार रख रहे हैं. इस घटना को लेकर भी सोमवार (5 जून) को पीके ने बयान जारी किया है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग ये नहीं कहेंगे कि लालू ईमानदार हैं. लालू के लोग भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हैं. हमने खुली चुनौती दी है नीतीश कुमार को कि अगर आप में दम है तो कैमरे के सामने आकर एक लाइन यह कहकर बता दें कि लालू और उनके परिवार के लोग भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हैं. कोई अगर नीतीश कुमार से यह कहवा दे कि लालू का परिवार भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है तो इसके बाद लोग जो कहेंगे मैं मानने के लिए तैयार हूं.
पीके ने आगे कहा कि नीतीश कुमार ऐसा कह ही नहीं सकते, क्योंकि जीवनभर नीतीश कुमार ने अपनी राजनीति ही यही कहकर की है कि लालू भ्रष्ट हैं. आज जिसने चोरी की है भ्रष्टाचार किया है उसके साथ जनता खड़ी नहीं है. बिहार में आज कोई उनसे सहानुभूति भी नहीं रख रहा है. बिहार में आरजेडी की सरकार में भ्रष्टाचार नहीं हुआ है कोई कह सकता है? इन्होंने बिहार को खूब लूटा है.