लाइव सिटीज, पटना: गया के पूर्व एसएसपी रहे भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के निलंबित अधिकारी आदित्य कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उनकी गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने फ़िलहाल रोक लगा दी है.
पटना हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर डीजीपी को कॉल करने और फर्जीवाड़ा कर गया के फतेहपुर थाना में दर्ज शराब कांड को खत्म कराने के मामले में 15 अक्तूबर, 2022 को आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी. आईपीएस आदित्य कुमार को पहले ही निलंबित किया जा चुका है. उनकी गिरफ्तारी के लिए पिछले करीब 6 महीने से बिहार पुलिस प्रयासरत थी.
वहीं पटना हाई कोर्ट ने भी निलंबित आईपीएस आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज कर दी थी. आदित्य कुमार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश की. जस्टिस कृष्ण मुरारी और पीवी संजय कुमार की पीठ ने मामले को सुनने के बाद निलंबित आईपीएस अधिकारी को बड़ी राहत दी. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी.
दरअसल, 2011 बैच के आइपीएस आदित्य कुमार का निलंबन 15 अप्रैल, 2023 को समाप्त हो गया. गया के पूर्व एसएसपी रहे भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के निलंबित अधिकारी आदित्य कुमार पुलिस रिकॉर्ड में पिछले छह महीने से फरार चल रहे हैं. पटना हाइकोर्ट द्वारा निलंबित आइपीएस की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी.
अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इसके पहले इस मामले में नवंबर 2022 के पहले सप्ताह में ही विशेष कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया. बावजूद अब तक उनकी गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी है. लेकिन अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है.