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CM नीतीश पड़े नरम तो बीजेपी हुई हमलावर, शराबबंदी पर बड़ी मांग, कर दी सवालों की बौछार

लाइव सिटीज पटना: बिहार में जहरीली शराब से मौत पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तेवर नर्म पड़े हैं और उन्होंने मुआवजा देने की बात भी कही है. जिसके बाद बीजेपी सरकार पर हमलवार है. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बैक टू बैक सवालों से नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश में लगे हैं. उन्होंने CM से सवाल पूछते हुए कहा है कि सरकार को आम माफी का ऐलान कर, सभी मुकदमे वापस लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को यह फैसला पहले ही ले लेना चाहिए था.

सुशील मोदी ने अब शराब केस में जेल में बंद करीब 25 हजार लोगों को रिहा करने की मांग करते हुए शराबबंदी कानून को और ढीला करने की बात कही है. हाल ही में सीएम नीतीश कुमार ने जहरीली शराब से मौत होने पर पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने इसे बीजेपी की जीत बताया और कहा कि मुख्यमंत्री को यह फैसला पहले ही ले लेना चाहिए था. साथ ही उन्होंने कहा कि आंखों की रोशनी गंवा चुके लोगों को भी दो लाख का मुआवजा मिले.

बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उन्हें बहुत पहले ले लेना चाहिए था. हालांकि इससे गलत तरीके से लागू की गई शराबंबदी नीति की बीते सात सालों से चल रही समस्या पूरी तरह खत्म नहीं होने वाली है. उन्होंने कहा कि इतने सालों में शराब तस्करी से जुड़े माफिया पर शायद ही आरोप लगे हैं. हमारे ध्यान में अब तक सिर्फ एक माफिया को दोषी पाया गया है. इसके उलट 25 हजार से ज्यादा गरीब लोग जेल की सजा काट रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब तक शराब से जुड़े केस में 4 लाख से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं, सरकार उन्हें भी रद्द करके आम जनता को राहत दे. इन गरीबों को जघन्य अपराध जैसी सजा नहीं मिलनी चाहिए. सरकार को सभी केस खत्म कर आम माफी मांगनी चाहिए.

इन सवालों से सुशील मोदी ने CM नीतीश को घेरा

•जेल में बंद 25 हजार लोगों को रिहा किया जाए।

•शराबबंदी से जुड़े 3 लाख 61 हजार मुकदमे वापस लिया जाए।

•आंखों की रोशनी गंवा चुके लोगों को भी दो लाख का मुआवजा मिले।

•सभी 500 परिवारों को ब्याज सहित मुआवजा मिले।

•शराब मामले में गिरफ्तार लोगों को अलग जेल में रखा जाए।

•‘जो पिएगा, वह मरेगा’ जैसी टिप्पणी के लिए मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

•भाजपा के दबाव में अंततः मुख्यमंत्री को झुकना पड़ा।

•मुआवजे की घोषणा का पूरा श्रेय भाजपा को जाता है।

•सरकार 30 मामलों में 196 मृत्यु की बात स्वीकार कर रही है।

•सरकार 2019, 2020 में शून्य मृत्यु की बात कह रही है।

•भाजपा के अनुसार मरने वालों की संख्या 500 से ज्यादा है।

•मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया में पोस्ट मार्टम, चिकित्सा प्रमाण पत्र, शराब विक्रेता का नाम आदि जैसी शर्तें नहीं होनी चाहिए।

•मुआवजे का भुगतान विलंब से करने के कारण ब्याज सहित मुआवजा दिया जाए।

•सरकार को आम माफी का ऐलान कर, सभी मुकदमे वापस लेना चाहिए।

•जेलों में बंद 25 हजार से ज्यादा लोगों को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए।

किसी माफिया को आज तक सजा नहीं

•6 वर्षों में जहरीली शराब की घटनाओं के लिए दोषी एक भी व्यक्ति को सजा नहीं।

•2016 में 19 मृत्यु के पश्चात सजा प्राप्त लोगों को पटना उच्च न्यायालय ने मुक्त कर दिया।

•आजतक स्पेशल कोर्ट का गठन नहीं किया गया.

•सीएम स्पीडी ट्रायल की बात करती रही है ?

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