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Bihar Diwas 2023: 111 साल का हुआ बिहार, पटना से लेकर अमेरिका तक भव्य आयोजन, जानें पूरा कार्यक्रम

लाइव सिटीज पटना: आज बिहार दिवस है. आज यानी 22 मार्च 2023 को बिहार अपना 111वां स्थापना दिवस मना रहा है. आज ही के दिन साल 1912 को बंगाल और उड़ीसा से बिहार अलग हुआ था. उससे पहले बिहार बंगाल प्रोविंस का हिस्सा हुआ करता था. 111 साल के बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. इस मौके पर राज्यभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.

22 मार्च 2023 को बिहार अपना स्थापना दिवस मना रहा है. इस दिन राज्यभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. पटना में तीन तीनों तक सरकारी स्तर पर कार्यक्रम होंगे. इस बार तो विदेशों में भी विशेष आयोजन हो रहे हैं. राज्य के अंदर 22 से 24 मार्च यानी 3 दिनों तक अलग-अलग कार्यक्रम और भव्य समारोह का आयोजन किया गया है. बिहार दिवस को लेकर ना सिर्फ यहां बल्कि विदेशों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. जिसमें अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, स्वीडन शामिल है. यहां बिहारवासी अपने राज्य की स्थापना दिवस कार्यक्रम मनाएंगे.

2005 में नीतीश कुमार जब बिहार के मुख्यमंत्री बने, तब उन्होंने बिहार दिवस मनाने की घोषणा की. 2008 में बड़े स्तर पर बिहार दिवस मनाने की शुरुआत हुई. ‘बिहार दिवस’ को लेकर सरकार ने क्या कुछ प्लान किया है इसकी जानकारी एडिशनल चीफ सेकेट्री (एजुकेशन) दीपक कुमार सिंह ने दी है. उन्होंने बताया कि समारोह को हर जगह से लोगों के लिए सुलभ बनाने के लिए इसे अलग-अलग जगहों पर आयोजित करने का फैसला लिया गया है. ऐसा इसलिए भी किया गया जिससे एक जगह पर भीड़भाड़ नहीं हो और हर कार्यक्रम में लोगों की उपस्थिति भी ठीक से हो सके.

दीपक सिंह ने कहा कि पिछले कुछ साल से अलग इस बार बिहार दिवस समारोह का आयोजन पटना के अलावा दूसरे जिलों में भी किए जाएंगे. राज्य भर के 70,000 से अधिक सरकारी और निजी स्कूलों में ‘प्रभात फेरी’ का आयोजन किया जाएगा. जावेद अली और मैथिली ठाकुर समेत जाने-माने सिंगर गांधी मैदान में प्रस्तुति देंगे. वहीं कथक नृत्यांगना प्राची पल्लवी साहू और लोक गायिका नीतू कुमारी नूतन एसके मेमोरियल हॉल में परफॉर्म करेंगी.

बता दें कि जानकार बताते हैं कि लंबे चले संघर्ष के बाद कांग्रेस ने 1908 में अपना प्रांतीय अधिवेशन बुलाया, जहां बिहार को अलग प्रांत बनाए जाने का समर्थन किया. इसके लिए एक कमेटी बनाई गई. दरभंगा महाराजा रामेश्वर सिंह को अध्यक्ष और अली इमाम को इस कमिटी का उपाध्यक्ष बनाया गया. आखिरकार 12 दिसंबर 1911 को बिहार को अलग राज्य का दर्जा मिला. वहीं 22 मार्च 1912 को बिहार बंगाल और उड़ीसा से अलग हो गया. पटना को बिहार की राजधानी घोषित किया.

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