लाइव सिटीज पटना: बगावत पर उतरे जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में जेडीयू कार्यकर्ताओं की बैठक की जा रही है. इस बैठक को उन्होंने जेडीयू समर्पित कार्यकर्ता की बैठक की संज्ञा दी है. वहीं इस बैठक से यह भी साफ हो जाएगा कि जो उपेंद्र कुशवाहा जिस पार्टी को मजबूत करने की बात कर रहे हैं उस पार्टी के कितने लोग उनके साथ हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा की इस बैठक को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा द्वारा जो आज बैठक बुलाई गई है वह पार्टी की अधिकारिक बैठक नहीं है. बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष को ही है.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि जब पार्टी के लोग पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए थे तब उपेंद्र कुशवाहा का लगातार दिल्ली का दौरा हो रहा था. असल में उनको यह बताना चाहिए कि वह दिल्ली का जो बार-बार यात्रा कर रहे हैं. अबतक उनकी कुछ बात बनी या नहीं बनी. इसके अलावा उन्होंने साफ कर दिया कि उपेंद्र कुशवाहा द्वारा जो आज बैठक बुलाई गई है वह पार्टी की अधिकारिक बैठक नहीं है. बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष को ही है.
ललन सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा का जो सोच है, उसका हम सब लोग सम्मान करते हैं. पार्टी में उनकी इज्जत है और मैं भी उनकी इज्जत करता हूं. वह पार्टी में आए हैं तो पूरी तरह से सम्मानित किया गया और हर समय सम्मान मिला भी. अब कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना वाला काम कर रहे हैं. वो कह रहे हैं कि पार्टी कमजोर हुई है, जबकि पार्टी के पूरे प्रदेश के कार्यकर्ता सदस्यता अभियान में लगे हुए थे. उस दौरान पर्व त्यौहार का माहौल था उसी दौरान पार्टी का सदस्यता अभियान भी था. काफी कठिनाई के साथ पार्टी के लोगों ने 72 लाख नए सदस्यों को पार्टी में जोड़ा. जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है.
ललन सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा कह रहे हैं कि पार्टी कमजोर हुई है तो फिर उन्हें यह भी बताना चाहिए कि जब पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा था तो उन्होंने अपने बदौलत कितने लोगों को पार्टी में ज्वाइन करवाया. उन्होंने तो एक भी लोगों को पार्टी का सदस्य बनाया नहीं. जब पार्टी के लोग पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए थे तब वो दिल्ली का दौरा करने में लगे थे. ललन सिंह से साफ कहा कि पार्टी कहीं से कमजोर नहीं हुई है.
बता दें कि माना जा रहा है कि दो दिनों की बैठक के बाद उपेंद्र कुशवाहा बड़ा फैसला ले सकते हैं. वे जान चुके हैं कि जेडीयू में अब उनकी कोई जगह नहीं है. ऐसे में विद्रोह की एकमात्र रास्ता बचता है. लेकिन फिलहाल वे जेडीयू छोड़े बगैर बागी तेवर दिखाते रहेंगे या कोई बड़ा खेला करेंगे. इस पर सबकी नजरें टिकी होगी. ऐसे में नीतीश कुमार और ललन सिंह की नजर भी उपेंद्र कुशवाहा की इस बगावती बैठक पर होगी. बैठक में जो नेता शामिल होंगे उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा सकता है.