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उपेंद्र कुशवाहा से दिल्ली में मिलने पहुंचे बीजेपी के कई नेता, क्या मतलब है इसका, चर्चा शुरू हो गई….

लाइव सिटीज, पटना: जनता दल यूनाईटेड के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा फिर चर्चा में हैं। इस बार का कारण एक तस्वीर है। लेकिन, उस तस्वीर पर जाने से पहले बैकग्राउंड में जाना होगा। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव तक। उस समय बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी के आधा दर्जन से ज्यादा दावेदार थे। रिजल्ट में परफॉर्मेंस बहुत खराब रहा, जिसके कारण उनमें से कई चेहरे गुम हो गए। ऐसे ही एक चेहरा उपेंद्र कुशवाहा भी थे। रिजल्ट देखकर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उस धरे का जदयू में विलय करा दिया, जिसे लेकर वह चल रहे थे।

एक बार जब जदयू को केंद्र में कोटा मिलने की उम्मीद थी तो केंद्रीय मंत्री बनने का भी हल्ला उड़ा था। इस बार मिलाकर दो बार नीतीश कुमार सरकार में डिप्टी सीएम का हल्ला भी उड़ा। लेकिन, मंत्री की कुर्सी मिलने की उम्मीद भी नहीं है। 

लेकिन, मंत्री की कुर्सी मिलने की उम्मीद भी नहीं है। इस कारण मन मसोस कर दही-चूड़ा की पहले से घोषित पार्टी के इंतजाम में थे कि दिग्गज नेता शरद यादव का निधन हो गया और पार्टी कैंसिल। इसके बाद कुशवाहा रामचरितमानस विवाद में जदयू के साथ कूदे, मगर कुछ ही मिनट बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का बयान आया और कुशवाहा चर्चा में आते-आते रह गए। लेकिन, अब चर्चा में हैं एक तस्वीर से।

उपेंद्र कुशवाहा की प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल, संजय टाइगर और भाजपा नेता योगेंद्र पासवान से मुलाकात हुई है। वह एम्स के प्राइवेट वार्ड में भर्ती कुशवाहा से मिलने गए तो गए, इस मुलाकात को ट्वीट भी किया और भाजपा के साथ जदयू को भी हैशटैग में रखा। मतलब, भाजपा को भी बताना था और जदयू को भी जताना। तस्वीर सोशल मीडिया पर आते ही चर्चा शुरू हो गई।

पूछने पर प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा से मिलने से हमें कोई नहीं रोक सकता है। वह हमारे पुराने मित्र हैं। लेकिन, पटेल ने प्रेम की भी एक बात कह सुनाई- “राजनीति में कोई आजीवन दुश्मन नहीं होता है। हम सभी दोस्त हैं।” 

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