लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: उत्तर प्रदेश के वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ तक 50 दिनों में 4000 किलोमीटर की दूरी तय करेगा. क्रूज भारत और बांग्लादेश में 27 नदियों से होकर गुजरेगा और पर्यटकों को वर्ल्ड हेरीटेज स्थलों सहित 50 से अधिक पर्यटक स्थलों पर ले जाया जाएगा. यह दुनिया में किसी रिवर बोट से की जाने वाली सबसे बड़ी नदी यात्रा होगी.
गंगा विलास क्रूज 1 मार्च को असम के डिब्रूगढ़ जिले में बोगीबील पहुंचने से पहले कोलकाता और ढाका जैसे प्रमुख शहरों से गुजरेगा. साथ ही, विशाल क्रूज सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान सहित राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों से होकर गुजरेगा.
इससे पहले नवंबर में, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ट्वीट किया था, “दुनिया की सबसे लंबी नदी क्रूज अगले साल जनवरी में अपनी यात्रा शुरू करेगी. गंगा विलास भारत की दो सबसे बड़ी नदियों, गंगा और ब्रह्मपुत्र पर 4,000 किमी की दूरी तय करते हुए पवित्र वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ तक रवाना होगी.
21 दिसंबर को कोलकाता से वाराणसी के लिए रवाना हुआ यह क्रूज 5 जनवरी को बक्सर पहुंचेगा, फिर वाराणसी चला जाएगा. वाराणसी में 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इस यात्रा का विधिवत शुभारंभ तथा यात्रियों का स्वागत किया जाएगा. वापसी के क्रम में यह यात्रा 15 जनवरी को पुनः बक्सर पहुंचेगा और 31 मार्च को कोलकाता में पहुंचकर यह यात्रा समाप्त हो जाएगी. यात्रा को लेकर राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण के द्वारा बक्सर जिला प्रशासन से सुरक्षा देने का आग्रह किया गया है.